यादें लेकर आता हूँ

लहरो को समेटो, दरिया लेकर आता हूँ
रुको, कहाँ चले, रस्ते लेकर आता हूँ

मेरी बदनसीबी का शिकवा मत करो
हाथों की लकीरें लेकर आता हूँ

तुमसे मोहब्बत है, तुमसे मिलना भी है
चलो कुछ बहाने लेकर आता हूँ

तुम्हारे जवां गालों पे उदासी अच्छी नही
तुम्हारे बचपन की यादें लेकर आता हूँ

यूँ ना मुझसे रूठा करो इश्क़-ए-मरहम
तुम्हारे सपनो के अल्फाज लेकर आता हूँ

तन्हाई में 'सोम' संग बिताये कुछ पल
उन पलों से तेरे दिल का पता लेकर आता हूँ

             - सोमेन्द्र सिंह 'सोम'

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