जीवन अमूल्य (जिंदगी पर हिंदी कविता)
जीवन अमूल्य है(हिंदी कविता)
जिंदगी को देखने का नजरिया महत्वपूर्ण है। सुख-दुःख जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है परंतु मनुष्य का स्वभाव व विचार इसको अपने अनुसार एक नया रूप प्रदान करता है। इस बहुआयामी वैचारिक प्रक्रिया में यह जानना जरूरी है की सत्य क्या है? जीवन का मूल्य क्या है? इसकी सार्थकता क्या है?
कभी कभी इससे नैराश्य का भाव उत्पन्न होता है। उसकी हद पहचानना आवश्यक है।
दुःख से खत्म होने से अच्छा है, दुःख को खत्म करने का प्रयास करना। यही प्रयास जिंदगी को और अधिक सुंदर बनाने में सार्थक है।
इस तरह के भावों को शब्दों में निरूपित करने का एक छोटा सा प्रयास-
कभी हँसना है कभी रोना है
पर खत्म खुद को नहीं करना है
ये जीवन है अमूल्य है
इसे यूँ नहीं गवाना है
यहां कुछ ना स्थिर है
मूल्य जीवन का समझाना है
आँखे नम है चमक इनमे कम है
पर तुझे खुद को नहीं खोना है
यहा एक ही सत्य है वो मृत्यु है
पर तुझे यूँ ना खुद का अंत करना है
पैसा शोहरत सिर्फ़ तमाशा है
खुद को जीना खुशी का खजाना है
सुख-दुख में सब का हिस्सा है
पर खुद को यूँ नहीं तोड़ना है
तू बहुमूल्य, जीवन तेरा अमूल्य है
इससे ज्यादा ना कुछ मिलना है
kabhi hansana hai kabhi rona hai
par khatm khud ko nahin karana hai
ye jivan hai amulay hai
ise yoon nahin gavana hai
yahaan kuchh na sthir hai
muly jeevan ka samajhaana hai
aankhe nam hai chamak iname kam hai
par tujhe khud ko nahin khona hai
yaha ek hi saty hai vo martyu hai
par tujhe yoon na khud ka ant karana hai
paisa shoharat sirf tamasha hai
khud ko jeena khushi ka khajana hai
sukh-dukh mein sab ka hissa hai
par khud ko yoon nahin todana hai
tu bahumulay, jivan tera amulay hai
isase jyaada na kuchh milana hai
पूजा सिंह
जुनून (हिंदी कविता)(hindi kavita on life)
सुकूँ का हद पा लिया
अब जुनून बेहद दे।
अब जुनून बेहद दे।
यहाँ कहने का अर्थ है की सुकूँ से ज्यादा महत्वपूर्ण इस जिंदगी में जुनून है। यह जुनून ही हमारे जीने की अभिलाषा, पाने की खुशी और दर्द साझा करने की शक्ति प्रदान करता है।
यहाँ से हमारी यात्रा शुरू होती है जिसमे मंजिल से महत्वपूर्ण रास्ते हो जाते है। और हम इस जिंदगी से भागने के बजाय इससे लड़ने के तरीके खोज लेते है। यहीं जंग जीवन की सार्थकता है।
मंजिलों से ज्यादा उन रास्तों की पहचान होती है जिससे आप वहाँ तक पहुँचे है। परन्तु ये रास्ते तब तक दृष्टिगोचर नहीं होते जब तक आप मंजिलों पर अपनी छाप नही छोड़ देते।
ये रास्ते आपकी वैचारिक और व्यवहारिक दृष्टि का प्रतिबिम्ब होते है।
पिछे मुड़ अब देखना नहीं
हालात जो रहे अब दोहराना नहीं
मजबूरिया हो चाहे कुछ भी
हार अब मानना नहीं
हौसला, इरादा, चाहत हैं तेरे
बेबस तुझे अब होना नहीं
दृढ़, मजबूत, नेक है
तेरे इरादे तूझे अब बदलना नहीं
लक्ष्य तेरा एक है
असफलता का कोई बहाना नहीं
pichhe mud ab dekhana nahin
halat jo rahe ab doharana nahin
majaburiya ho chahe kuchh bhi
har ab manana nahin
hausala, irada, chahat hain tere
bebas tujhe ab hona nahin
drid, majabut, nek hai
tere irade tujhe ab badalana nahin
lakshy tera ek hai
asaphalata ka koi bahana nahin
पूजा सिंह
Aapko hmara ye pryas hindi kavita kaisa lga. Achha ya bura comment kr btaye. Aapke koi sujhav h ya aapki hindi kavita bhi aap hmare blog pr likhna chahte h to aap hme mail kr skte. Aapki kavita bhi hmare blog ke 'नई कलम' shirshak me post ki jayegi.
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Very Nice 👌
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" 2 अक्टूबर शनिवार 2021 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
ReplyDeleteशुक्रिया जनाब
Deleteबहुत सराहनीय सृजन।
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