गुरु (हिंदी कविता)
गुरु होते जो साथ मेरे
हर मुश्किल का हल होता पास मेरे
आँचल इनका कितना विशाल है
सबकों मानते अपना परिवार है
कैसा ये ख़ुदा का कमाल है
खुद से बड़ा बताया गुरु को महान है
काली रातें गिन गिन न निकालनी पड़े
बस इसीलिए इनकी बात न माननी पड़े
माँ के बाद इन्होंने ही समझाया हमें
गलत करने पर पिता सा फटकारा हमें
इनमें हर कामयाबी के राज मेरे
सपनों की उड़ान में हर वक़्त साथ मेरे
गुरु होते जो साथ मेरे
हर मुश्किल का हल होता पास मेरे
- पूजा सिंह
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